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माया देवी विश्वविद्यालय में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

माया देवी यूनिवर्सिटी में रोज़ मनाया जाएगा योग दिवस
देहरादून। माया देवी विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय विशेष योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका समापन रविवार को किया गया इस मौके पर यह भी तय किया गया कि विश्वविद्यालय में एक दो या तीन दिन नहीं रोज योग दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम थी एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृत श्लोक योगः कर्मसु कौशलम् के समूह जप से हुआ, जो योग की महत्ता को दर्शाता है।
कार्यक्रम में पंचायती योग केंद्र के लाल सिंह रावत अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए योगासन, प्राणायाम और ध्यान की विभिन्न क्रियाओं का प्रदर्शन किया, जिससे सभी उपस्थित लोग प्रभावित हुए। रावत ने दैनिक जीवन में योग को अपनाने का महत्व बताते हुए कहा कि योग से शरीर और मन दोनों को ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति तनावमुक्त रहता है।
योग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह बिष्ट ने श्वास तकनीकों और माइंडफुलनेस पर आधारित संवादात्मक सत्र का संचालन किया। उन्होंने बताया कि योग न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि ध्यान और एकाग्रता को भी बढ़ावा देता है। उनका यह सत्र विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुआ।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मनोहर लाल जुयाल ने घोषणा की कि अब से विश्वविद्यालय के योगाचार्य अंतिम द्वारा दैनिक निःशुल्क योग सत्र विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किए जाएंगे। ये सत्र प्रातः 6ः00 से 7ः00 बजे और सायं 7ः00 से 8ः00 बजे तक आयोजित होंगे। अध्यक्ष ने कहा, योग हमारी आंतरिक शक्ति से जुड़ने का माध्यम है और यह भारतीय विरासत की अमूल्य देन है, जिसे आज पूरी दुनिया अपना रही है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष डॉ. तृप्ति जुयाल सेमवाल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रारंभ किया गया अभियान भारत को मोटापे से मुक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। माया देवी विश्वविद्यालय द्वारा योग के माध्यम से इसमें दिया गया सहयोग वास्तव में देश के लिए एक सार्थक ‘योगदान’ है।
कार्यक्रम में डॉ. संदीप विजय, डॉ. आर.बी. सिंह, डॉ. सीता जुयाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह आयोजन माया देवी विश्वविद्यालय की स्वस्थ, संतुलित और जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।
यह तीन दिवसीय योग कार्यक्रम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है, बल्कि मानसिक शांति और सामाजिक समरसता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय का यह प्रयास आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा।

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