क्या आपको भी अक्सर पेट में समस्या बनी रहती है? कहीं यह आपके गड़बड़ स्लीप पैटर्न के कारण तो नहीं? जी हां, अगर आपके रोजाना सोने जागने का समय ठीक नहीं है तो इसका पाचन स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अनियमित नींद का पैटर्न आपके पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा देने वाला हो सकता है। इस प्रकार के बैक्टीरिया न सिर्फ पाचन स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं, साथ ही गुड बैक्टीरिया पर को भी ये कम करने वाले हो सकते हैं।
यह पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सर्केडियन रिदम को पाचन स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर देखा गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सोने और जागने के समय में 90 मिनट का अंतर भी माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकता है, जिसके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इससे पहले के अध्ययनों में अनियमित स्लीप साइकिल को सेहत के लिए कई प्रकार की समस्याओं का कारण पाया गया था। इस अध्ययन में पेट की समस्याओं को लेकर लोगों को अलर्ट किया है।
नींद की कमी से सेहत पर असर
शोधकर्ता कहते हैं, नींद की कमी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है। किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध अनुसार, इस बारे में जागरूकता कम है कि सोने के पैटर्न में छोटी-छोटी विसंगतियों भी शरीर की जैविक लय प्रभावित कर सकती हैं।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
किंग्स कॉलेज लंदन में प्रोफेसर और शोध के वरिष्ठ लेखक डॉ. वेंडी हॉल कहती हैं, हम जानते हैं कि नींद में व्यवधान, जैसे कि नाइट शिफ्ट में काम करना आपके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि आंत में रोगाणुओं की संरचना पाचन से लेकर मेटाबॉलिज्म तक को भी प्रभावित करने वाली हो सकती है।
अध्ययन से 934 लोगों के एक समूह का मूल्यांकन किया। उनके रक्त, मल और आंतों के माइक्रोबायोम सैंपल के साथ-साथ नियमित नींद की अवधि का आकलन किया गया।
गंभीर रोगों का भी बढ़ जाता है खतरा
अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि नींद की कमी आंतों में बैड माइक्रोबायोम को बढ़ाने वाली हो सकती है। अध्ययन में पाया गया कि खराब आहार गुणवत्ता, मोटापे और कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य के कारण दिल का दौरा, स्ट्रोक और मधुमेह का खतरा हो सकता है। आंतों में गुड बैक्टीरिया की कमी के कारण पाचन स्वास्थ्य बिगड़ जाता है जिससे इन बीमारियों के बढ़ने का खतरा हो सकता है।
नींद की कमी को इसके पहले के अध्ययनों में मानसिक स्वास्थ्य विकार और हृदय रोगों के जोखिमों से भी संबंधित पाया गया था।