आज से शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। वैदिक पंचांग के अनुसार यह शारदीय नवरात्रि 24 अक्तूबर तक चलेंगे। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का विधान होता है। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ मां के पहले स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा-उपासना होती है। शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। इस दिन अनंत शक्तियों वाली माँ की पूजा करते समय उपासक को लाल,गुलाबी,नारंगी एवं रानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से पूजा के लाभ के साथ माता की कृपा प्राप्त होती है।
कलश स्थापना के दौरान करे इस मंत्र का जाप
कलश स्थापना पर मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है। आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
तदुक्तं तत्रैव कात्यायनेन प्रतिपद्याश्विने मासि भवो वैधृति चित्रयो। आद्य पादौ परित्यज्य प्रारम्भेन्नवरान्नकमिति।।
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है। एक साल में चार नवरात्रि आते हैं जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि होते है जबकि दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। नवरात्रि पर 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना पर सभी तरह की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए नहीं तो देवी दुर्गा रुष्ट हो जाएंगी और पूजा का संपूर्ण फल नहीं प्राप्त हो सकेगा।
– नवरात्रि के दिनों में शराब और अन्य तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
– नवरात्रि पर बाल और नाखून नहीं कटवाना चाहिए।
– तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
– महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
– लेदर से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें।
– किसी को परेशान नहीं करना चाहिए।
जानिए नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से लाभ
नवरात्रि पर देवी दुर्गा की आराधना करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी के नौ स्वरूप देवी शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, देवी चंद्रघण्टा, मां कूष्माण्डा, देवी स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, देवी कालरात्रि, देवी महागौरी, देवी महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा-आराधना होती है। इन नौ दिनों देवी की उपासना करने पर कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है।
दिननवरात्रि दिनतिथि पूजा-अनुष्ठान 15 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 1प्रतिपदा देवी शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष समाप्त होता है।16 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 2 द्वितीया देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से मंगल दोष खत्म होता है।17 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 3 तृतीया देवी चंद्रघण्टा पूजा से शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ता है। 18 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 4 चतुर्थी माँ कूष्माण्डा की पूजा से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। 19 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 5 पंचमी देवी स्कंदमाता की पूजा से बुध ग्रह का दोष कम होता है।20 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 6 षष्ठी देवी कात्यायनी की पूजा से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।21 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 7 सप्तमी देवी कालरात्रि की पूजा से शनिदोष खत्म होता है।22 अक्तूबर 2023 नवरात्रि दिन 8 अष्टमी देवी महागौरी की पूजा से राहु का बुरा प्रभाव खत्म होता है।23 अक्तूबर 2023नवरात्रि दिन 9नवमी देवी सिद्धिदात्री की पूजा से केतु का असर कम होता है।
: घट स्थापना पर इन पूजा सामग्री का करें प्रयोग
जौ, मिट्टी, जल, कलश, लौंग, कपूर, मौली, रोली, चावल, सिक्के, आम के पत्ते, नारियल, चुनरी, फलफूल