देहरादून। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में राज्य रेलवे सुरक्षा व्यवस्था समिति की 10 वीं बैठक आयोजित हुयी, जिसमें उत्तर रेलवे, पूर्वाेत्तर रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अजय गणपति, एसपी चम्पावत (पूर्व एसपी जीआरपी) द्वारा राज्य रेलवे सुरक्षा व्यवस्था समिति की 10 वीं बैठक के महत्वपूर्ण एजेण्डा बिन्दुओं, जीआरपी के कार्यक्षेत्र और विगत बैठक के एजेण्डा बिंदुओं के अनुपालन के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने कहा कि रेलवे सुरक्षा से सम्बन्धित मुद्दों पर विचार विमर्श करने का यह एक अच्छा माध्यम है, साथ ही इससे रेलवे सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित सभी ऐजंसियों में आपसी समन्वय भी बेहतर होगा।
अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन ने कहा कि हर तरह की इमरजेंसी के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर 112 का ट्रेनों में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जायें, डाटा संकलन हेतु सीसीटीएनएस का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए, ट्रेनों में पत्थरबाजी की घटनाओं हाटस्पाट स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कार्यवाही की जाये, साथ ही ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु गांव/ मौहल्लों में गोष्ठी का आयोजन किया जाए। ए.पी.अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने कहा कि जीआरपी व आरपीएफ आपस में समन्वय एवं टीम भावना से मिलकर कार्य करें। अभिसूचना एवं मुखबिर तंत्र को मजबूत करते हुए अपने-अपने एरिया ऑफ रिस्पांसबलिटी का निर्वहन करें। बैठक में विभिन्न सुरक्षा एवं प्रशासनिक बिन्दुओं पर विचार विमर्श करते महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इनमें सभी रेलवे स्टेशनों, पार्किंग एरिया को सीसीटीवी कैंमरों से कवर किया जाए, एवं सीसीटीवी कैंमरों की फीड सम्बन्धित जनपदों के कंट्रोल रूम से भी साझा की जाये। यात्रियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, ट्रेनों अथवा रेलवे स्टेशनों पर चोरी, टप्पेबाजी आदि घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियोग पंजीकृत करें, एवं अभियोग पंजीकृत करने में भादवि धाराओं का शिथलीकरण न किया जाये। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन मार्ग पर आरपीएफ के समन्वय स्थापित कर जीआरपी के नये थाने/ चौकियों सृजित करने हेतु रेलवे विभाग से पत्राचार करने का निर्णय लिया गया। महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा के दृष्टिगत संयुक्त सुरक्षा ऑडिट की संस्तुतियों का अनुपालन कराया जाये। वन्य जीवों को रेल संचालन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए वन विभाग एवं राजाजी टाइगर रिजर्व से समन्वय स्थापित कर वन्य जीवों द्वारा आवागमन हेतु उपयोग किये जाने वाले मार्गों पर स्पीड लिमिट का अनुसरण करने एवं सतर्कता बरतने हेतु बताया गया। रेलवे स्टेशनों, रेलवे ट्रैकों की सुरक्षा हेतु आरपीएफ, जीआरपी एवं स्थानीय पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशनों में बीडीएस व डॉग स्कवॉड के साथ संयुक्त रूप से प्रभावी चौकिंग एवं रेलवे ट्रैकों का भी निरीक्षण किया जाये। रेलवे विभाग द्वारा आवंटित जीआरपी के थानो/ चौकियों के बैरक/आवासों की मरम्मत के सम्बन्ध में रेलवे के अधिकारियों से पत्राचार किया जाये। ट्रेनों से रनओवर होने वाले एक्सिडेंटल घटनाओं की रोकथाम हेतु आरपीएफ के साथ मिलकर कार्यवाही की जाये, जिसमें साइंन बोर्ड, जन जागरूकता अभियान, निरोधात्मक कार्यवाही एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाये। बैठक के दौरान नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, पी0 एण्ड एम0, राजीव स्वरूप, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस0, पुलिस उप महानिरीक्षक, पी0 एण्ड एम0, पी0 रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/रेलवेज, उत्तराखण्ड, रफीक अहमद अंसारी, उप महानिरीक्षक, सह मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्वाेत्तर रेलवे गोरखपुर, सचिन बालोधे, उप महानिरीक्षक, आरपीएफ, उत्तर रेलवे नई दिल्ली, डॉ0 जे0एस0 बिष्ट, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड, अशुतोष शुक्ला, पुलिस अधीक्षक, रेलवेज मुरादाबाद, उ0प्र0, सुबोध कुमार थपलियाल, एडीईएम, काशीपुर मौजूद रहे।
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