राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर अब निवेशकों को चार करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। राज्य की नई एमएसएमई पॉलिसी में यह प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में नई नीति को मंजूरी दे दी गई। साथ ही जल विद्युत नीति के तहत स्थानीय क्षेत्र विकास कोष को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रोजेक्ट की लागत का एक प्रतिशत और प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली की बिक्री से मिले धन का एक फीसद स्थानीय क्षेत्र के विकास पर खर्च होगा।
इस बिजली में मेजबान राज्य को बतौर रॉयल्टी मिलने वाली बिजली का हिस्सा शामिल नहीं होगा। बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि नई पॉलिसी के तहत राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। अभी तक राज्य में पांच तरह के औद्योगिक क्षेत्र थे। अब मैदानी क्षेत्रों से सटे कुछ इलाके हटा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के सबसे दुर्गम क्षेत्र ए श्रेणी में आएंगे और समुद्र तल से घटती ऊंचाई के अनुसार उनकी श्रेणी में बदलाव होता रहेगा।
महिलाओं को अतिरिक्त मदद
कैबिनेट की ओर से मंजूर की गई नई एमएसएमई पॉलिसी में न केवल पर्वतीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है बल्कि इसमें महिला, एससी-एसटी व दिव्यांगों को भी अलग से सहायता देने का निर्णय लिया गया है। नई नीति में इस श्रेणियों में निवेश होने पर पांच प्रतिशत ज्यादा सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है।
अहम फैसले
- मसूरी को पूर्ण तहसील का दर्जा
- हरिद्वार और ऋषिकेश का रि-डेवलपमेंट प्लान मंजूर ऋषिकेश में चौरासी कुटिया क्षेत्र का बनेगा मास्टर प्लान
- उत्तराखंड ड्रोन पॉलिसी मंजूर, ड्रोन उत्पादन व सेवाओं पर छूट प्रांतीय पुलिस सेवा में 13 पद बढ़े
- 13 आईटीआई टाटा ग्रुप को देंगे
- आयुर्वेद विभाग के मिनिस्टीरियल संवर्ग का मर्जर, जिले से हो सकेगा निदेशालय में तबादला