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जलभराव से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति जरूरीः सुमन

    • मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन ने जिलाधिकारियों से की चर्चा
    • कहा-जहां से पानी आबादी में घुस रहा, वहीं से करें डायवर्ट

देहरादून। मौसम विभाग द्वारा 21 तथा 22 जुलाई को चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जनपद के लिए जारी रेड तथा पौड़ी और अल्मोड़ा जनपद के लिए जारी ऑरेंज अलर्ट को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर एलर्ट पर रहने को कहा। शनिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने मानसून के चलते प्रदेशभर की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में रविवार और सोमवार को बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वहीं पौड़ी और अल्मोड़ा में भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। उन्होंने संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
सचिव विनोद कुमार सुमन ने भारी बारिश के दौरान रिहायशी इलाकों में जलभराव की समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि जलभराव एक बड़ी समस्या है और बरसात के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के इससे प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए, जहां से बारिश का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करता है और वहीं से पानी को किसी नाले या नदी की तरफ डायवर्ट कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से वनाग्नि के दौरान फायर लाइन बनाई जाती है, उसी तरह से जलभराव से निपटने तथा पानी को आबादी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए वाटर लाइन बनाई जाएं।
उन्होंने कहा कि यदि नालों में ब्लॉकेज के कारण जलभराव हो रहा है तो चैबीस घंटे के भीतर नालों की सफाई करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शासन ने प्रत्येक जनपद के लिए दस-दस करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। सोमवार तक यह धनराशि जनपदों को प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसे तुरंत आपदा संबंधी कार्यों में खर्च किया जाए। माननीय मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि यदि और धनराशि की जरूरत होगी तो वह भी जारी की जाएगी। इसलिए आपदा संबंधी कार्यों को तत्परता से किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, बीआरओ के कर्नल पी शर्मा, एसईओसी के दिवस प्रभारी देवीदत्त डालाकोटी, मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ0 पूजा राणा, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे। बनबसा में मानसून सीजन में किसी भी तरह की आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीम तैनात की जाएगी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को इसके निर्देश दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश के चलते प्रभावित हुए लोगों को रिकार्ड समय में राहत राशि बांटी गई। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनपद में दस हजार लोगों को एक सप्ताह के भीतर राहत राशि वितरित की गई। इससे प्रभावित लोगों को फौरी तौर पर काफी मदद मिली। उन्होंने सभी जनपदों को राहत राशि वितरण के लिए और अधिक टीमें गठित करने के निर्देश दिए।
नेशनल हाइवे 534 में पौड़ी जनपद के अंतर्गत आमसौड़ में हो रहे भूस्खलन के उपचार के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की टीम मौके पर जाकर भूगर्भीय सर्वेक्षण करेगी। शनिवार को जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पौड़ी दीपेश चंद्र काला ने बैठक में बताया कि जिन परिवारों को भूस्खलन से खतरा है, उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। खतरे को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने जल्द भूगर्भीय अध्ययन कर उक्त भूस्खलन क्षेत्र में उपचार के कार्य शीघ्र करने के निर्देश दिए।

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