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बिग ब्रेकिंग—सतपाल महाराज की जिला योजना समिति की बैठक में, कई प्रस्ताव हुए स्वीकृत, कहा आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन करने भी केंद्र से आयेगी टीम: महाराज।

Big Breaking: In the meeting of District Planning Committee of Satpal Maharaj, many proposals were approved, said a team from the center will also come to assess the disaster affected areas: Maharaj.

बिग ब्रेकिंग—सतपाल महाराज की जिला योजना समिति की बैठक में, कई प्रस्ताव हुए स्वीकृत, कहा आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन करने भी केंद्र से आयेगी टीम: महाराज।

आपदा का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि जनपद हरिद्वार के कई क्षेत्र अतिवृष्टि की वजह से आपदा प्रभावित क्षेत्र हैं तथा मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करके आपदा के अन्तर्गत जो भी कार्य करने होंगे वे किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिये एक केन्द्रीय टीम भी यहां आ रही है। जगह-जगह हो रहे जल भराव का उल्लेख करते हुये मा0 कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बहुत से नाले पहले उत्तर प्रदेश के पास थे, लेकिन अब वे उत्तराखण्ड के अधीन हैं, ऐसे नालों आदि की सफाई के लिये एक ड्रेनेज विभाग सृजित करने के लिये प्रस्ताव लाया जायेगा।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन एवं भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री एवं जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित हुई। प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि वार्षिक जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में जनपद हरिद्वार का परिव्यय 6234.48 लाख रूपये अनुमोदित किया गया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद का अनुमोदित परिव्यय 4942.00 लाख रूपये था। इस प्रकार विगत वर्ष के सापेक्ष जनपद हरिद्वार के परिव्यय में 26.15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।

 

मा0 कैबिनेट मंत्री ने वार्षिक जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के सम्बन्ध में विस्तार से बताते हुये कहा कि सामान्य मद में 4903.48 लाख रूपये, अनुसूचित जाति मद में 1300.00 लाख रूपये एवं अनुसूचित जनजाति मद में 31.00 लाख निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत धनराशि पुराने चालू कार्यों/वचनबद्ध मदों/चालू मदों में खर्च होगी तथा कुल परिव्यय का लगभग 15 प्रतिशत कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित रेखीय विभागों तथा शेष लगभग 50 प्रतिशत धनराशि नवीन कार्यों, जीर्णोद्धार/सुदृढ़ीकरण एवं अनुरक्षण के कार्यों में खर्च की जायेगी।

 

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