गौचर / चमोली। 72 वां राजकीय औद्योगिक विकास एंव सांस्कृतिक मेला गौचर के समापन होने के बाद भारी संख्या में आये लोगों ने गुरुवार को मेला मैदान में जमकर खरीददारी की।
गुरूवार को सामान खरीदने की गरज से आये लोगों ने उद्योग विभाग द्वारा लगे विभिन्न स्वय सहायता समूह के स्थानीय वस्तुओं की जमकर खरीददारी की। वहीं मेला मैदान में समापन के बाद अभी तक डटे हुऐ न्यन्ता स्वयं सहायता समूह भीमतला एवं मा राज-राजेश्वरी स्वयं सहायता समूह पुणकिला मलारी की अध्यक्ष अनीता राणा एवं सरस्वती देवी तथा बचन सिंह राणा ने बताया कि हमारे समूह द्वारा हाथ से बुने ऊनी वास्कट, दोखा, टोपी, स्वीटर, लगभग सात लाख रुपये के लाये थे। जिनको लोगों ने जमकर खरीदा और हमारे समूह को उसका भरपूर लाभ प्राप्त हुआ।
समाजसेवी अजय किशोर भंडारी, देवेन्द्र चौहान, प्रकाश चौधरी ने कहा कि हमारे लोकल स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए और उनके हाथ से बुने दोखे हम पुरानी पर्था को जीवित रखने को खरीदारी कर रहे हैं। वहीं मुरादाबाद से आये व्यापारी तोसिम खान ने कहा कि सन 1998 से हम लोग यहां मेले में व्यापार करने को आ रहे है पर प्रशासन हर वर्ष दो हजार किराया बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग मेले के समापन ही सामान खरीदने आते हैं कि दुकानदार जाते समय सामान को सस्ते में देते हैं। क्योंकि उनका सामान नीचे ले जाने के बजाय यही बिक जाय तो वापस ले जाने के खर्चे में राहत मिलेगी। उन्होंने प्रसाशन से अनुरोध किया कि हमें दो तीन दिन यहां अतिरिक्त दिया जाय। इस बार महंगायी की मार और मेला फीका रहने से हमें काफी नुकसान हुआ है।
बाहर से मेले में आये अधिकांश व्यापारियों का कहना तो यह भी था कि मेला प्रशासन द्वारा दुकानों के रेट महंगे करने से और मेला फीका होने के चलते उन्हें इस बार घाटा हुआ है। दुकानदारों ने प्रशासन से मेला मैदान में दो दिन और रहने की मांग की है।
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