चेतवानी– हजारों किसानों ने दी आत्मदाह की चेतवानी, सरकार को आखरी अल्टिमेटम, जानिए क्यों?
मंगलोर में आसमानी बरसात के आफत से जमीन पर आई बाढ़ के बाद पैदा हुई आपदा का जख्म अभी हरा है जिस कारण अपनी जमा पूंजी लगाने के बावजूद किसान तबका अपनी फसलों की बर्बादी अपनी ही नजरों के सामने देखने पर मजबूर है
इतना ही नहीं बल्कि सत्ता पर काबिज सरकार या उसका कोई सरकारी नुमाइंदा आपदा से मिले किसानों के जख्म पर मरहम लगाने ज़हमत तक नहीं कर रहा मामला दरअसल रुड़की तहसील क्षेत्र स्थित हथियाथल नामक गांव की करीब हजारों बीघा जलमग्न पड़ी कृषि भूमि से जुड़े सैकड़ों किसानों का है जहां बाढ़ के कारण हजारों बिघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और ऐसे में अन्नदाताओं की एक बड़ी संख्या भुखमरी की कगार पर पहुंच चुकी है तो दूसरी ओर पशुओं के चारे का भी अकाल किसान तबके की नींद हराम कर चुका है पीड़ित किसानों के मुताबिक यदि शीघ्र शासन-प्रशासन और सरकार उचित मुआवजे की दिशा में कोई आवश्यक कदम नहीं उठाती है तो उनके द्वारा सरकारी दफ्तरों और उनमें बैठे अफसरों के सामने परिवार सहित आत्मदाह तक किए जाने की अल्टीमेटम दिया जा रहा है ।