रिपोर्टर: अंजली भट्ट
बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया था। इसके बाद से उर्वशी रौतेला सुर्खियों में आ गई है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड स्थित पवित्र बदरीनाथ धाम के पास एक मंदिर उनके सम्मान में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि लोग उस मंदिर में उनकी तस्वीरों पर माला चढ़ाते हैं और उन्हें ‘दमदमई’ कहकर पूजते हैं।
उर्वशी रौतेला के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों ने इसे भ्रामक और असत्य करार दिया। उर्वशी के इस दावे पर बदरीनाथ क्षेत्र के स्थानीय पुजारियों और निवासियों ने तीव्र आपत्ति जताई है। बदरीनाथ के पूर्व धार्मिक अधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने स्पष्ट किया कि उक्त मंदिर का अभिनेत्री से कोई संबंध नहीं है।
उर्वशी रौतेला ने बताया कि वह मंदिर देवी उर्वशी को समर्पित एक प्राचीन स्थल है, जिनका वर्णन हिन्दू ग्रंथों में एक दिव्य अप्सरा के रूप में मिलता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार देवी उर्वशी, माता सती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस पूरे विवाद के बीच अभिनेत्री रश्मि देसाई ने भी उर्वशी की टिप्पणी पर गुस्सा ज़ाहिर किया।
उर्वशी रौतेला ने इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के समय में धर्म के नाम पर इस तरह के दावे किए जा रहे हैं। भारत में हिंदू धर्म को एक मज़ाक बनाकर पेश किया जा रहा है और इससे हमारी सांस्कृतिक पहचान को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने यह भी लिखा कि धार्मिक आस्था को प्रचार के माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
अब तक उर्वशी रौतेला ने इस विवाद पर कोई सफाई या स्पष्टीकरण नहीं दिया है। हालांकि यह मामला एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि सेलिब्रिटीज़ को अपने सार्वजनिक बयानों में सतर्कता बरतनी चाहिए, खासकर जब विषय धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हो। इस पूरे विवाद ने न केवल सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया है, बल्कि इस बात पर भी चर्चा छेड़ दी है कि लोकप्रियता की दौड़ में कहीं धर्म और आस्था का उपयोग तो नहीं हो रहा?