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टीएचडीसीआईएल ने गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन और पीपीए पर हस्ताक्षर किए

ऋषिकेश । भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य के ऐतिहासिक विकास के क्रम में, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने उत्तराखंड में टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट से उत्पादित 184.08 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति के लिए गुजरात सरकार और गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन और विद्युत क्रय समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए।

समझौते का उद्देश्य गुजरात की पीक-ऑवर विद्युत मांग को पूरा करना एवं  ग्रिड में अक्षय ऊर्जा (आरई) के बड़े पैमाने पर एकीकरण को सक्षम बनाना है। 25 जून, 2025 को आयोजित हुआ  हस्ताक्षर समारोह गुजरात सरकार के माननीय वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स मंत्री कनुभाई देसाई, गुजरात सरकार के अपर मुख्य सचिव एस.जे. हैदर, अनुपम आनंद, प्रबंध निदेशक, गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, भक्ति शैमल, संयुक्त सचिव, गुजरात सरकार, आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल, सिपन कुमार गर्ग, निदेशक(वित्त), टीएचडीसीआईएल एवं के. पी. जांगिड़, निदेशक (वित्त), गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विश्नोई ने कहा कि यह समझौता अभिनव जलविद्युत प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है। भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट के साथ, हम गुजरात राज्य को उसकी गतिशील पीक-ऑवर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक विश्वसनीय और हरित ऊर्जा समाधान प्रदान कर रहे हैं। टिहरी पीएसपी टीएचडीसीआईएल की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और सतत ऊर्जा भविष्य के दृष्टिकोण का प्रमाण है। टीएचडीसीआईएल विद्युत उत्पादन में अभिनव और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सतत ऊर्जा समाधानों को निरंतर आगे बढ़ा रहा है। टीएचडीसीआईएल का ध्यान विश्वसनीयता, लचीलेपन और भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करने पर बना हुआ है।

इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के निदेशक(वित्त), सिपन कुमार गर्ग ने कहा कि यह टीएचडीसीआईएल का अभिनव और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। संगठन ऐसी दूरदर्शी पहलों के माध्यम से सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समझौता ज्ञापन और पीपीए भारत सरकार की उस दृष्टि के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य पंप्ड स्टोरेज तकनीक को लचीले ऊर्जा उत्पादन और ग्रिड संतुलन के एक विश्वसनीय समाधान के रूप में बढ़ावा देना है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है और मांग की प्रवृति भी बदल रही है। इस अवसर पर सौरव नंदी, महाप्रबंधक(वित्त), जीयूवीएनएल, आर. के. वर्मा, अपर महाप्रबंधक, टीएचडीसीआईएल, अजय वैश, उप महाप्रबंधक, टीएचडीसीआईएल एवं गुजरात सरकार तथा गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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