भू-कानून और मूल निवास लागू करने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों, संगठनों और दलों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। लेकिन, हाथीबड़कला चौकी के पास बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर धक्कामुक्की व नोकझोंक हुई। आंदोलनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और मांगों पर कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
बुधवार को क्रांति दिवस पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले एक दर्जन से अधिक संगठनों और दलों के कार्यकर्ता परेड ग्राउंड में जुटे। यहां से मूल निवास लागू करो, सशक्त भू-कानून लागू करो के नारे लगाते एस्लेहॉल, क्वालिटी चौक, राजपुर रोड, दिलाराम चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच किया। लेकिन, हाथीबड़कला से पहले ही पुलिस फोर्स ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों और पुलिस फोर्स के बीच आगे बढ़ने को लेकर तीखी नोकझोंक और धक्कामुक्की शुरू हो गई। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आंदोलनकारी वहीं धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे।
मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष कुमार ने उनसे ज्ञापन लिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा, सख्त भू-कानून न होने से राज्य के लोग अपनी जमीन खोने लगे हैं। उन्होंने राज्य में सख्त भू-कानून और यहां वर्ष 1950 से निवास कर रहे किसी भी धर्म के लोगों को मूल निवास प्रदान करने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों में आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट, धीरेंद्र प्रताप, सुरेंद्र कुकरेती, हर्षपति काला, पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, केशव उनियाल, विक्रम भंडारी, लक्ष्मी चौहान, प्रदीप कुकरेती, उर्मिला शर्मा आदि शामिल थे।
उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन, देवभूमि युवा संगठन, पहाड़ी स्वाभिमान सेना, उत्तराखंड बेरोजगार संगठन, भैरव सेना, अखिल भारतीय समानता मंच, देहरादून बार एसोसिएशन, पूर्व सैनिक संगठन, उत्तराखंड आंदोलनकारी ट्रस्ट सहित दर्जनभर से अधिक दल और संगठन।