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तुलाज़ के संस्कृति़ फेस्ट में पापोन ने बिखेरा संगीत का जादू

‘बेडू पाको’ और बॉलीवुड हिट्स से झूम उठा कैंपस

देहरादून: तुलाज़ इंस्टिट्यूट के वार्षिक सांस्कृतिक फेस्ट ‘संस्कृति 2025’ का समापन प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक पापोन की ज़ोरदार प्रस्तुति से हुआ। अपनी अनोखी आवाज़ और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए पहचाने जाने वाले पापोन ने ‘आशियाना मेरा’, ‘मोह मोह के धागे’, ‘मुझे कैसे पता न चला’, ‘एक अजनबी हसीना से’ और ‘पहला नशा’ जैसे पसंदीदा गीतों से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने नईं बॉलीवुड धुनों को पुरानी यादों से जोड़ते हुए एक अद्भुत माहौल बना दिया।

अपनी प्रस्तुति के दौरान, उत्तराखंड और यहाँ के लोगों को संबोधित करते हुए पापोन ने प्रसिद्ध पहाड़ी लोकगीत ‘बेडू पाको बारामासा’ भी गाया। गीत की पहली धुन सुनते ही पूरा परिसर तालियों और उत्साह से गूंज उठा। छात्रों ने एक साथ झूमते हुए अपनी सांस्कृतिक जड़ों का जश्न गर्व और उमंग के साथ मनाया।

छात्रों से बातचीत के दौरान पापोन ने उत्तराखंड के प्रति अपना स्नेह व्यक्त करते हुए कहा, “उत्तराखंड मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, और आसाम के बाद मैं सबसे ज़्यादा वक्त उत्तराखंड में बिताता हूँ। मेरी पत्नी देहरादून से हैं और हमारा एक घर मुक्तेश्वर में है। यहां जो प्यार और ऊर्जा मिलती है, वो कहीं और नहीं।” उनकी सादगी और आत्मीयता ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।

तुलाज़ ग्रुप के चेयरमैन सुनील कुमार जैन ने कहा, “संस्कृति के मंच पर पापोन का आना हमारे लिए गर्व की बात है। उनकी आवाज़, उनकी ऊर्जा और उन्होंने जो सांस्कृतिक जुड़ाव मंच पर दिखाया, वो हमारे छात्रों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।”

कार्यक्रम के दौरान छात्रों की अकादमिक और सह-पाठ्यक्रम क्षेत्रों में उपलब्धियों को भी एक्सीलेंस अवॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किया गया।

इस मौके पर तुलाज़ ग्रुप के चेयरमैन सुनील कुमार जैन, सेक्रेटरी संगीता जैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिल्की जैन मारवाह, वाइस चेयरमैन रौनक जैन, वाइस प्रेसिडेंट टेक्नोलॉजी डॉ. राघव गर्ग, तथा तुलाज़ इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. शैलेन्द्र कुमार तिवारी सहित तुलाज़ इंस्टिट्यूट और तुलाज़ इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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