कोरोनाकाल मे अपनी सेवाओं से लोगों की जान बचाने वाले कोरोना वारियर्स आज अपनी जान जोखीम मे डालने क़ो विवश हो गए है। बीते दो माह से एकता विहार मे धरने पर बैठे कर्मचारी विभाग मे समायोजन की मांग कर रहे है। कर्मचारियों ने कहा की स्वास्थ्य मंत्री बार बार आश्वासन देते है पर अभी तक कोई सकारात्मक कारवाई नहीं हुई। जिसको देकते हुऐ कर्मचारी पिछले 31 दिनों से एक एक कर अमरान अनशन पर बैठने क़ो विवश हो गए।
पिछले पांच दिनों से अनशन पर बैठे उत्तरकाशी के प्रभात नौटियाल का सोमवार क़ो मेडिकल जांच द्वारा कीटोन पॉजिटिव आने पर अस्पताल मे भर्ती करने के निर्देश दिया गया। प्रशासन करीब 4-5 बजे धरने पर दल बल के साथ पहुँचा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया की जब सुबह मेडिकल टीम द्वारा कीटोन पॉजिटिव आने के बावजूद प्रशासन ने लापरवाही बरते हुऐ आने मे समय लगाया। जहां करीब 9:30 बजे प्रभात नौटियाल क़ो आपातकालीन सेवा के माध्यम से जिला अस्पताल ले जाया गया। इस बीच भूख हड़ताल पर बैठे एक अन्य कर्मचारी अभिषेक ठाकुर ने अपने आप क़ो बाथरूम मे बंद कर दिया। काफी मशक्कत के बाद अभिषेक को बाथरूम से बाहर निकाला गया।