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सावधान: अगर कॉल कट किया तो होगी जेल ,घर पर होंगे कैद और साफ हो जाएगा आपका बैंक अकाउंट आखिर क्या है digital arrest

डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर क्राइम का नया तरीका है जिसमें ठग पीड़ित को वीडियो कॉल पर डरा-धमकाकर घर पर ही कैद कर लेते हैं। इसके साथ ही उसे इतना परेशान करते हैं कि वह पैसे देने पर मजबूर हो जाता है। यहां हम आपको इस स्कैम और इससे बचने के उपाय के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।

रिपोर्ट : मधु पांडे

बढ़ते डिजिटल इंडिया मे आजकल सब कुछ डिजिटल हो गया हैं, चुटकी बजाते ही आप ऑनलाइन समान ऑर्डर कर सकते है और रसोई के नमक से लेकर पैरों मे पहनने वाले जूते सब 10 मिनट में आपके पास पहुँच जाता हैं, इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैप और बहुत सारे ऐसे सोशल मीडिया साइट है जो हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन चुका हैं इसे कहते हैं डिजिटल वर्ल्ड जहां पर सबकुछ ऑनलाइन हैं और ये बहुत सुविधाजनक भी है, पर क्या आपको पता हैं ये डिजिटल वर्ल्ड जितना सुविधाजनक हैं उस से कई ज्यादा खतरनाक हैं ये आपको मिनट में सड़क पर ला सकता है अब आप सोचेंगे की ये कैसे हो सकता है, आपने ऑनलाइन साइबर स्कैम के बारे मे तो सुना होगा जहां पर झूठी सर्विस का फोन करके आप से OTP लेके आपके बैंक से पैसे उड़ा देते थे परंतु क्या आप ने कभी “डिजिटल अरेस्ट” के बारे मे सुना हैं, अब आप डिजिटल अरेस्ट भी हो सकते हैं, अब आप सोच रहे होंगे की कोई डिजिटल अरेस्ट कैसे हो सकता और ये कैसे सम्भव हैंI आज कल डिजिटल अरेस्ट के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, कई लोगों ठगी का शिकार हो रहे हैं,

क्या है डिजिटल अरेस्ट

किसी भी शख्स को किसी भी गलतफहमी का शिकार बनाकर डर और दहशत में डाल देने और उस डर की मदद से रकम वसूलने, यानी साइबर क्राइम का शिकार बनाने को डिजिटल अरेस्ट कहते हैं…”

जानिए कैसे बनाते है शिकार 

दरअसल होता ये है जो ठगी करने वाले लोग है वो नौकरी देने का प्रचार सोशल मीडिया पर डालते हैं जिसे देखकर लोगों को लगता हैं की ये कोई ऑरिजनल कंपनी हैं I उसके बाद आप उनकी वेबसाइट पर जाते है फिर आपको एक फॉर्म दिया जाता है जैसे ही आप उसमे अपनी डिटेल्स डालते है आपकी सारी डिटेल्स ठगों तक पहुंच जाती हैं, फिर वो आपको को वाट्सअप ग्रुप में जोड़ते हैं वहां से फिर पर्सनल मेसेज करके बताया जाता है की आपको काम समझाने के लिए आपको ऑनलाइन मीटिंग जॉयन करनी होगी जैसे ही उस आप उस मीटिंग मे जुड़ते हैं तो सामने का नज़ारा ऐसा होगा जिसे देख के कोई भी डर जायगा, हमारे सामने सीबीआई ऑफिस या पुलिस थाना होता और कुछ लोग वर्दी पहन कर बैठे हुए होते है जब तक पीड़ित कुछ समझ पाए उस से पहले बताया जाता है की आप डिजिटली अरेस्ट हो गए हैं और आपको डिजिटली अरेस्ट किया गया है क्यूँकी आप जिस कंपनी से जुड़े है उस पर करोडों के फ्रॉड करने का मुकदमा हुआ है, साथ मे पीड़ित को ये भी बताया जाता है की अगर आप इस मीटिंग को छोड़ेंगे तो पुलिस आपके घर पहुंचे जाएगी और आपके परिजनों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा, वो पीड़ित को मीटिंग छोड़ने नहीं देते हैं, अगर पीड़ित को पानी पीने भी जाना है तो उन्हें बता कर जाना होता है और पीड़ित किसी को फोन भी नहीं कर सकता हैं इस तरह लोगों को साइबर अपराधी अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और फिर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते हैं ,

डिजिटल अरेस्ट का एक और तरीका अपनाया है इस में ठग आपको किसी अनजान नंबर से कॉल करके बोलता है की “ मैं फलां पुलिस थाने से बोल रहा हूँ या मैं सीबीआई से बोल रहा हूँ आपका बेटा बलात्कार के मामले मे फंस गया हैं या आपकी बेटी सेक्स रैकेट मे फस गयी हैं या आपके पार्सल में ड्रग्स मिला हैं या फिर आपके आधार एवं पैन कार्ड से फर्जी की गई हैं” ऐसी बात सुनकर पीड़ित घबरा जाते हैं इसी घबराहट का फायदा उठा कर ठग उन्हें बोलते हैं अपने आप को डिजिटली अरेस्ट कर दे तभी हम आपके बच्चे को जाने देंगे और उसके बाद वो पैसों की मांग करते हैंI

ऐसे मामले दिन व दिन बढ़ते जा रहे है हाल भी इसके कई मामले सामने आए हैं वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल को मनी लाउंडरिंग के मामले में फसाने की धमकी देकर उनसे 7 करोड़ रुपये ठगने का मामला भी सामने आया था ,

वही आगरा की एक शिक्षिका मानसिक रूप से इतनी घबरा गयी की हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई ।

कैसे बचे डिजिटल अरेस्ट से 

दरअसल कानूनी तौर पर “डिजिटल अरेस्ट” नाम की कोई चीज़ हैं ही नहीं, सामान्य तौर पर पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी आपको कॉल करके धमकी नहीं देगी. इसके लिए कानूनी प्रक्रिया होती है और उसी के तहत उसे पूरा किया जाता है. तो अगर आपको कोई डराने या धमकाने का ऐसा कॉल आता है. तो तुरंत आप उसकी सूचना पुलिस को दे दें. अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी जैसे सीबीआई या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकारी बताकर बात कर रहा है. तो आप उस एजेंसी के नंबर पर कॉल करके इस बात की जानकारी दे सकते हैं और उनसे मदद मांग सकते हैं.

दुर्भाग्यपूर्ण अगर आपके साथ भी कभी ऐसा होता है तो घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं हैं, पैसे भेजने के बहाने से उनके बैंक डिटेल्स माँगकर तुरन्त 1930 पर सूचना दे साथ ही अपने नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराए, “नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल” पर भी घटना की रिपोर्ट करे और अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों को भी जानकारी दे की अगर उनके साथ भी ऐसा कुछ होता हैं तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं हैं यदि उन्हें ऐसे कोई काल्स आते हैं तो पुलिस को सुचना दे।

इन बातों का रखें ध्यान

साइबर स्कैम करने वाले किसी को भी अपने जाल में फंसा सकते हैं. इससे बचने के लिए अपना और अपने डेटा की सेफ्टी का ध्यान रखें. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से कैसे बच सकते हैं-

1- किसी भी अनजान सोर्स से आए हुए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें.

1- किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी पर्सनल या बैंक डिटेल्स देने से बचें.

2- पर्सनल डेटा और किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें.

3- कोई भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड ना करें, किसी भी अन-ऑफिशियल प्लेटफॉर्म से कुछ अपने डिवाइस को अपडेटेड रखें, अपने सभी ऐप्स को अपडेट रखें.

संवाददाता : मधु पाण्डे

 

 

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