मध्य प्रदेश: बिजली के बढ़ते बिल और मौसम की अत्यधिक चरम परिस्थितियों के कारण कई औसत भारतीय परिवार ऊर्जा के वैकल्पिक साधन तलाशने की ओर प्रेरित हुए हैं। पिछले पाँच सालों में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के फेज़ 2 सब्सिडी कार्यक्रम की मदद से 6,00,000 परिवारों ने सौर ऊर्जा को अपनाया, जिनमें से लगभग 1,30,000 से 1,50,000 परिवारों ने केवल 2023 में सौर ऊर्जा का उपयोग शुरू किया।
सौर ऊर्जा अपनाने की बढ़ती दर को देखते हुए प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने रीवा, मध्य प्रदेश में 750 मेगावॉट के अल्ट्रा मेगा सौर बिजली पार्क का उद्घाटन किया, जो एशिया की सबसे बड़ी सौर बिजली परियोजना भी है। सौर ऊर्जा की अधिकता वाला देश बनने के भारत सरकार के उद्देश्य के अनुरूप, साल 2015 में नीरज जैन और निखिल नाहर ने फुल स्टैक रूफटॉप सोलर सॉल्यूशंस स्टार्टअप सोलरस्क्वैयर एनर्जी का गठन किया, जिसमें 2019-20 में श्रेया मिश्रा भी शामिल हो गयीं। तब से यह सकारात्मक परिवर्तन के इस सफर में अपना सक्रिय योगदान दे रहा है।
मध्य प्रदेश से शुरू हुए स्टार्टअप सोलरस्क्वैयर की प्रतिष्ठा बढ़ाने में भोपाल की एंटरप्रेन्योर श्रेया मिश्रा ने मुख्य भूमिका निभाई है। आईआईटी, बॉम्बे की ग्रेजुएट, श्रेया मिश्रा को फोर्ब्स ने 30 अंडर 30 एशिया की सूची में भी स्थान दिया | उनके दूरदर्शी नेतृत्व और सोलर सॉल्यूशंस के विकास की अटल प्रतिबद्धता ने कंपनी को आवासीय सौर बाजार की एक महत्वपूर्ण कंपनी बना दिया। उनके मार्गदर्शन में सोलरस्क्वैयर कई प्रगतियों के साथ अपनी स्थिति मजबूत करते हुए पूरे देश की पसंदीदा कंपनी बन गई। एक कंज़्यूमर बिज़नेस संभालने के अपने पिछले अनुभव के साथ श्रेया ने इस ब्रांड को अपनी महत्वपूर्ण विशेषज्ञता प्रदान की। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा और इनोवेटिव भावना का प्रमाण है, जिसने सोलरस्क्वैयर को मध्य प्रदेश और पूरे देश में एक अग्रणी स्टार्टअप के रूप में स्थापित कर दिया।
सोलरस्क्वैयर भारत का एक अग्रणी आवासीय सोलर ब्रांड है। यह 100 से ज्यादा आवासीय सोसायटीज़ में इंस्टॉलेशन कर चुका है और 12,000 से ज्यादा परिवारों को समर्थ बना चुका है। श्रेया मिश्रा ने बताया, ‘‘हमारा सफर आकस्मिक रूप से शुरू हुआ। 8 राज्यों और 16 शहरों में काम करते हुए हमने महसूस किया कि घनी आबादी वाले शहरों, जैसे बैंगलुरू, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में सोलर उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं हैं।
सोलरस्क्वैयर द्वारा पहले वाणिज्यिक और औद्योगिक सेगमेंट्स को सेवाएं दी गई थीं, लेकिन अब यह आवासीय इंस्टॉलेशन पर केंद्रित हो गया है, जिससे इसका 80 प्रतिशत व्यवसाय आता है। इस रणनीतिक केंद्रण ने कंपनी की महत्वपूर्ण वृद्धि कर इसे दोगुने आकार तक पहुँचा दिया। सोलरस्क्वैयर के दृष्टिकोण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है, और यह बिक्री करने से पहले ग्राहकों को सौर ऊर्जा के फायदों के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सौर ऊर्जा के बारे में फैली गलत धारणाओं के बीच ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त सौर समाधान की पहचान किया जाना बहुत आवश्यक है। एक धारणा यह फैली है कि सोलर रूफटॉप सिस्टम्स के लिए बहुत कम रखरखाव जरूरी होता है, और इसका रखरखाव स्वयं ग्राहक आसानी से कर सकते हैं, इस धारणा की वजह से कई लोगों ने आफ्टर-सेल्स सर्विस की उपलब्धता देखे बिना ही सोलर सिस्टम खरीद लिए। इसलिए इस वास्तविकता का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है कि सोलर प्लांट के रखरखाव के लिए व्यवसायिक विशेषज्ञता का होना बहुत जरूरी होता है, तभी वो अच्छी परफॉर्मेंस दे सकते हैं। इसलिए, सोलर सिस्टम के साथ एक सही आफ्टर-सेल्स सर्विस में निवेश करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।
भारत जैसे देश में तो यह और भी ज्यादा जरूरी है, जहाँ छतें भिन्न-भिन्न तरह के मौसमों और धूल-मिट्टी के संपर्क में रहती हैं। इनके कारण रूफटॉप सोलर पैनल्स में भी टूट-फूट होती रहती है। उचित सहायता के बिना निवेश से अपेक्षित लाभ मिल पाना मुश्किल हो जाता है। सोलरस्क्वैयर इस आवश्यकता को समझता है, और सोलर पैनल्स के प्रभावशाली कार्य को बनाए रखने के लिए व्यवसायिक विशेषज्ञता प्रदान करता है।
निवेशकों को आवासीय सोलर की व्यवहारिकता का विश्वास दिलाने जैसी अनेक चुनौतियों के बाद भी सोलरस्क्वैयर एक कंज़्यूमर-फ्रेंडली एनर्जी ब्रांड का निर्माण करने की क्षमता को लेकर आशान्वित है। श्रेया ने कहा, ‘‘यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसके ऊर्जा के क्षेत्र में कंज़्यूमर ब्रांड पनप सकते हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में पहले बड़े कॉर्पोरेशंस और सरकारी संस्थाओं का वर्चस्व था, लेकिन अब यह व्यक्तिगत और निजी हो गया है। निवेशकों को 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के विकसित होते हुए इस भारतीय बाजार में अवसरों का लाभ उठाने में समय लगा। सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग द्वारा यह बाजार महत्वपूर्ण वृद्धि कर 75 बिलियन से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच पहुँच सकता है।’’
0 0 3 minutes read