चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर करंट फैलने से हुई 16 लोगों की मृत्यु से आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड सरकार का पुतला फूंका। इससे पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की और दो मिनट का मौन रखा। डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि उत्तराखंड पहले से ही आपदा प्रवण क्षेत्र है ऊपर से सरकारी महकमों की आपराधिक लापरवाहियां और परस्पर दोषारोपण राज्य के लिए बहुत घातक सिद्ध हो रही हैं। कोटद्वार मालन नदी का पुल हो या चमोली का हादसा सब जगह भारी लापरवाही के कारण घटनाएं हुई हैं। यहां भी नमामि गंगे प्रोजेक्ट, जल संस्थान, यूपीसीएल, और आउटसोर्स एजेंसी के बीच तालमेल की कमी थी और घटना के लिए एक दूसरे की जिम्मेदारी बताई जा रही है। 415 वोल्ट की सप्लाई वाले परिसर में इतनी भारी मात्रा में करंट कैसे फैला। इसके अलावा जब सुबह परिसर के उपकरण बुरी तरह जले हुए मिले तो अधिकारियों ने लोगों को बड़ी संख्या में वहां क्यों जमा होने दिया। यह बहुत बड़ी जनहानि हुई है। भाजपा सरकार का सारा ध्यान नई नई योजनाओं को लॉन्च करने और प्रचार प्रसार का हल्ला मचाने पर ही रहा है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट को इतना शोर मचा कर प्रारंभ किया गया, लेकिन चमोली के एसटीपी प्लांट को देख कर ही लग रहा है कि वो संरचनात्मक रूप से कितना दोषपूर्ण और जोखिमकारी है। नदी के किनारे बनी लोहे की संरचना में इंसुलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए थी। इस प्रकरण में कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री धामी की घोर निंदा करती है। घटना की समयबद्ध जांच की जाए। डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार शीघ्र जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे और अविलम्ब मृतकों को 50 लाख तथा घायलों को 10 लाख का मुआवजा प्रदान करे।
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