देहरादून में गौरा देवी शिक्षक सम्मान का आयोजन हुआ। जिसमें छब्बीस शिक्षकों को गौरा देवी उत्तराखंड शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यकम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व राज्यमंत्री महावीर रावत ने किया।
सोमवार को गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति की ओर से संस्कृति विभाग के सभागार में गौरा देवी सम्मान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लगभग चार सौ शिक्षकों ने प्रतिभाग किया जिसमें 26 शिक्षकों को गौरा देवी उत्तराखंड शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व राज्य मंत्री महावीर सिंह ने दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में शिक्षा संगठनों से जुड़े कई लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु भी अपने शिष्यों को ईश्वर का ज्ञान करता है उनकी कृपा के बिना जीवन की सार्थकता और कल्पना है। कार्यक्रम में शिक्षकों के हितों उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा हुई।
शिक्षिका अरुणिमा शर्मा को भी सम्मान से नवाज़ा
राजकीय प्राथमिक विद्यालय, लाडपुर (रायपुर, देहरादून) की शिक्षिका अरुणिमा शर्मा को भी इस सम्मान से नवाज़ा गया। अरुणिमा शर्मा का शिक्षा जगत में तीस से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने अपने कार्यकाल में न केवल बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया बल्कि एक हजार से अधिक बच्चों का स्कूल में दाखिला भी कराया। ग्रामीण और शहरी इलाकों में शिक्षा की अहमियत को लेकर उन्होंने जागरूकता फैलाई और बच्चों को बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित किया।
शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को पहले भी सराहा जा चुका है। वर्ष 2018 में उन्हें बाल संरक्षण की ओर से सम्मानित किया गया था।
गौरा देवी की स्मृति को किया नमन
कार्यक्रम में आयोजकों ने गौरा देवी के योगदान को भी याद किया। गौरा देवी ने उत्तराखंड के चिपको आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी और आज भी उन्हें राज्य में महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा स्रोत के रूप में याद किया जाता है।