अपनी यात्रा के सफल बीस वर्ष का उत्सव मना रहे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने आज एक और उपलब्धि की ओर कदम बढ़ाया। उच्च शिक्षा को भारतीय सेना तक पहुंचाने के लिए बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के बीच रुड़की में समझौता पत्र पर दोनों संस्थानों की ओर से हस्ताक्षर किए गए।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्य पाल ले. जनरल श्री गुरमीत सिंह की पहल पर सेना के रेजिमेंट मुख्यालयों में विशेष केंद्र खोले जाने की यह प्रक्रिया आरम्भ की गई।
बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र मुख्यालय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नवीन चंद्र लोहनी और कमांडेंट ब्रिगेडियर के पी सिंह की उपस्थिति में कुलसचिव और केंद्र के प्रशिक्षण अधीक्षक द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर समारोह में उपस्थिति अधिकारियों का स्वागत करते हुए क्षेत्रीय सेवाओ के निदेशक प्रोफेसर गिरिजा पांडे ने कहा कि यह विशेष केंद्र न केवल सैन्य अधिकारियों को उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराएगा बल्कि आधुनिक दौर में सेना द्वारा अर्जित किए गए ज्ञान का लाभ लेकर अनेक कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रमों को विकसित करने की पहल भी करेगा। समारोह में उपस्थित सेनाधिकारियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय लक्ष्य उन लोगों तक पहुंचना है, जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उच्च शिक्षा पाना चाहते है। सेना के जवान और अधिकारी इस विशेष अध्ययन केंद्र के खुलने से अपने परिसर में ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय इस समय स्नातक और परास्नातक स्तर के अनेक पाठ्यक्रम चला रहा है जिसका लाभ सैनिक और उनके परिवार के सदस्य ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने शहीद सैनिकों की विधवाओं को फीस में छूट देने की योजना भी इस केंद्र के माध्यम से बनाई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि
राज्य के युवाओं को विशेष रूप से सैनिकों और उनके परिवारों को उच्च शिक्षा से जोड़ने और राज्य की आकांक्षाओं के अनुरूप कौशल विकसित करने के साथ साथ दूरस्थ इलाकों तक गुणवत्तापूर्ण रोजगारपरक शिक्षा पहुंचाने में यह विशेष केंद्र मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल्स और कुमाऊं रेजिमेंट के साथ भी इस तरह का एमओयू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। कमांडेंट ब्रिगेडियर के पी सिंह ने इस प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि सेना के जवानों- अधिकारियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने का अवसर प्राप्त होगा। सेवा निवृत होने वाले सैनिकों को अपना कौशल विकास करने का भी मौका मिलेगा।
इस विशेष केंद्र का संचालन केंद्र के सुप्रीटेंडेंट ट्रेनिंग कर्नल अभिषेक पोखरियाल के नेतृत्व में शिक्षा अधिकारी लेफ्टीनेंट कर्नल मधुर गुलेरिया द्वारा किया जाएगा।