भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन एक बार फिर चर्चाओं में है, इस योजना को लेकर एक तरफ उत्तरकाशी के ग्रामीण गांव बचाओ आंदोलन चला रहे हैं तो वही दूसरी इस योजना को पूर्ण करने की जिम्मेदारी जिन ठेकेदारों पर है वहीं ठेकेदार जल जीवन मिशन से जुड़े आला अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहें हैं
इन ठेकेदारों की संस्था देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम ज्ञापन भेजते हुए मदद की गुहार लगाई है साथ ही संस्था का आरोप हैं कि हर घर जल हर घर नल पेय जल की समस्या को दूर करने के लिए प्रधान मंत्री जी द्वारा चलाई गई योजना जल जीवन मिशन का कार्य प्रदेश में तेजी से हो रहा है. जो कि 2024 मार्च में पूरा किया जाना था, परन्तु ठेकेदारों के सामने वन भूमि, रोड कटिंग, भूमि विवाद लोक निर्माण विभाग की अनापत्ति, भूमि ट्रांसफर की प्रक्रिया में हुई देरी के कारण सरकार द्वारा योजना की तिथि 2025 मार्च में पूर्ण किया जाना है परन्तु अधिकरियों द्वारा पिछले मार्च से हमेशा यही बताया जा रहा है की केंद्र सरकार से धन आने पर ही ठेकेदारों का भुगतान हो पाएगा वही जल जीवन मिशन में भारत सरकार से 2000 करोड़ आना शेष हैं चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा योजना की आवश्यकतानुसार वित्तपोषण ना होने के कारण प्रदेश के ठेकेदारों के समक्ष वित्तीय संकट आ गया हैं, वित्तीय संकट इतना अधिक हो चूका है कि लेबर, कर्मचारियों का मासिक भुगतान एवं योजना में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी को चलाना भी संभव नहीं हो पा रहा है जिस कारण ठेकेदारों द्वारा निर्धारित तिथि मार्च 2025 तक कार्य पूर्ण किया जाना बेहद मुश्किल हो गया है जिसके चलते देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन, ने केंद्र सरकार से मांग की है जल्द से जल्द ठेकेदारों का बकाया भुगतान उन्हें उपलब्ध करवाया जाए ताकि योजना को सुचारू रूप से पूर्ण किया जा सके….वहीं आरोप है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे ठेकेदारों पर अधिकारयों द्वारा अनावश्यक बनाया जा रहा हैं कि साथ ही धमकी दी जा रही है की शीघ्र कार्य पूर्ण करें अन्यथा ब्लैकलिस्ट कि कार्यवाही की जायेगी, जबकि ठेकेदारों द्वारा ज्यादातर कार्य पूर्ण कर लिया गया है हैं जिसमें टेस्टिंग, रोड रिस्टटेमेंट, पम्पिंग प्लांट का कार्य बकाया हैं जो के धन आभाव के कारण पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं